Monday, November 28

Bas Ek Koshish

I didn't write these lines, they've written themselves. They just came to me and I jotted them down, although they succeed in expressing my state of mind quite accurately.


कोशिश करना आसान है, कोशिश करवाना आसान नहीं
जब हार बैठे हिम्मत ही कोई, कामयाब होता वो इंसान नहीं
कर सकूँगा कुछ मैं या नहीं, क्यूँ सोचके वक़्त बर्बाद करें
बेपर भी हम उड़ पाएंगे, मुमकिन पाया था ज़माने ने?
वक़्त के धुंए ने राहें भुला दी, मंजिल का कहीं निशाँ नहीं
क्या ऐसे में मुमकिन नहीं, नयी राहें हैं रौशन और कहीं?
खुद से या ज़माने से क्यूँ कोई भी कुछ शिकायत करे
चुना ज़िन्दगी को तुम्हारी, क्या एहसान न किया उपरवाले ने?
हमारा हक है कोशिश करना, कामयाबी की शर्त रखना नहीं
जो ख्वाब देखे पूरे होंगे, न हुए भी तो ज़िन्दगी खाली नहीं...


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